संत अलबर्टस कॉलेज में सत्र उद्धघाटन सह दीक्षांत कार्यकर्म सम्पन्न।
संत अलबर्टस कॉलेज रांची में शैक्षणिक सत्र 2024 -25 का शुभारम्भ विधिवत संपन्न हुआ । समारोह में बतौर मुख्य अतिथि रांची महाधर्मप्रान्त के महाधर्माध्यक्ष व कॉलेज के चांसलर विन्सेंट आईद थे। इस मौके पर खूंटी धर्मप्रान्त के धर्माध्यक्ष व कॉलेज के वीसी विनय कंडुलना, सेवानिवृत आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो, हज़ारीबाग धर्माध्यक्ष आनंद जोजो, कॉलेज के अध्यक्ष फादर सुमन कुमार एक्का, रेक्टर फादर अजय कुमार खलखो, रजिट्रार फादर रैमन टोबियास टोप्पो, फिलोसोफी सेक्शन के संचालक फादर राजू क्रास्टा, अतिथिगण,कॉलेज के स्टाफ व विद्यार्थीगण उपथित हुए। कार्यक्रम की शुरुआत मिस्सा पूजा से हुई, जिसके मुख्य अनुष्ठाता आर्चबिशप विन्सेंट आईद थे। प्रवचन में उन्होंने कहा संत अलबर्टस कॉलेज अन्य कॉलेज या यूनिवर्सिटी से हटकर है, यहां बौद्धिक विकास के साथ आध्यात्मिक उन्नति पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है। इसके फलस्वरूप व्यक्ति आंतरिक रूप से परिवर्तन लाता है। स्वयं परिवर्तन के साथ समाज का परिवर्तन के लिए आगे बढ़ता है । ईसा मसीह के आदर्श गुण जैसे प्रेम, सेवा, समर्पण आदि को अपनाकर परिवर्तन लाया जा सकता है । अतिथियों के दीप प्रज्ज्वलन के कार्यक्रम के दूसरे चरण का सत्र प्रारम्भ हुआ। रेक्टर फादर अजय कुमार खलखो ने स्वागत सम्बोधन किया । कॉलेज के प्रेसिडेंट फादर सुमन कुमार एक्का ने कॉलेज के गतिविधओं के बारे बतलाया। कॉलेज के वीसी बिशप विनय कंडुलना ने अपने सम्बोधन में कहा दर्शनशात्र सोचने के तौर तरिके, तार्किक विलक्षचता को बढ़ाता तथा ज्ञान अर्जन में सहायक होता है। वहीँ थिओलोजी इश्वरिये ज्ञान और उसके साथ रिश्ता जोड़ने में सहायक प्रदान करता है। इस मौके पर शैक्षणिक सत्र के विषय 'आशा के तीर्थयात्री' पर प्रकाश डालते हुए फादर जोन बी बारला ने कहा जिस दुनिया में हम जीते हैं वह लचर स्थिति में है। यहाँ गरीबी, दुःख, बीमारी, लड़ाई, कोरोना जैसे महामारी, प्राकृतिक आपदा, ग्लोबल वार्मिंग, मानव मूल्यों का ह्राष जैसे समस्या लोगों के आशाओं को पानी में फेर रहा है। हम सकारात्मक व आशामय जीवन जियें। संत पापा फ्रांसिस के कथन को उद्धृत करते हुए कहा 'आशा को हमें कभी नहीं खोना चाहिए'। आशा की किरण बनने के लिए तीन स्त्रीय काम करने हेतु उन्होंने सुझाव दिया, प्रकृति के साथ शांतिमय रिश्ता, मनुष्य के साथ सद्धभावना व सम्मान के साथ जीना तथा ईश्वर के साथ मधुर रिश्ता जोड़ना।
कार्यक्रम के अंतिम चरण में दीक्षांत समारोह हुआ डाक्टर रॉक पाकिया राज पीएचडी की डिग्री दी गयी। इसी के साथ 16 को बैचलर इन थिओलॉजी तथा 24 विद्यार्थिओं को बैचलर इन फिलोसोफी डिग्री प्रदान किया गया। इस भाग का निर्देशन व संचालन फादर रैमन टोबियास टोप्पो तथा फादर राजू क्रास्टा ने किया । ब्रदर अन्थोनी बारला ने आभार प्रकट किया तथा ब्रदर सोमनाथ मुर्मू ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया।