संत अन्ना की पुत्रियों के धर्मसंघ राँची में 15 धर्मबहनों का प्रथम व्रतधारण
21 मई 2024 को 15 धर्मबहनों ने प्रथम व्रतधारण द्वारा संत अन्ना की पुत्रियों के धर्मसंघ में अपने को ईश्वर को समर्पित किया। यह धर्मविधि समारोही ख्रीस्तयाग के दौरान संत अन्ना जेनेरालेट में संपन्न हुई जो प्रातः 7.00 बजे शुरू हुई। इसके मुख्य अनुष्ठाता महामान्यवर भिन्सेंट आईन्द, डी.डी., राँची महाधर्मप्राँत के महाधर्माध्यक्ष थे। श्रध्देय फा. मक्सीमुस टोप्पो, सामलोंग पैरिष के पल्ली पुरोहित एवं श्रध्देय फा. फुलदेव सोरेंग, ये.स. सहअनुष्ठाता थे। इस शुभ अवसर पर विभिन्न स्थानों से आए कुल 16 पुरोहितगण, अन्य धार्मिक संस्थाओं के धर्मसंघी, संत अन्ना की धर्मबहनें एवं कुछ अतिथिगण भी मौजूद थे। श्रध्देया सि. लीली ग्रेस तोपनो, डी.एस.ए., संत अन्ना धर्मसंघ की परमाधिकारिणी ने नवव्रतधारिणियों के व्र्रतों को ग्रहण किया। उनके साथ उनकी तीन महासलाहकारिणियाँ- सि. सोसन बाड़ा डी.एस.ए., सि. जसिन्ता केरकेट्टा डी.एस.ए. एवं सि. मोनिका कुजूर डी.एस.ए. सहित सि. सुजाता कुजूर, डी.एस.ए., राँची प्रोविंस की प्रोविंशियल सुपीरियर तथा सि. अनिमा डाँग, डी.एस.ए., गुमला प्रोविंस की प्रोविंशियल सुपीरियर भी उपस्थित थीं।
अपने प्रवचन में महाधर्माध्यक्ष भिन्सेंट आईन्द ने कहा- श्धर्मसंघीय बुलाहट ईश्वर का एक अनमोल उपहार है जो दूसरों की सेवा हेतु ईश्वर द्वारा प्रदान किया जाता है। इसमें बहुत सारी चुनौतियाँ हैं मगर ईश्वर ही उन पर विजय पाने की शक्ति देता है। अतः हमें साहसपूर्वक ईष्वरीय बुलाहट का प्रत्युत्तर देते हुए उनके मिशन को आगे बढ़ाना है क्योंकि ईश्वर सदा हमारे साथ है।
पन्द्रह नवव्रतधारिणियों में से नौ गुमला प्रोविंस के लिए और छः राँची प्रोविंस के लिए हैं। वे हैं- सि. नैना तिग्गा, सि. निमोन्ती टोप्पो, सि. रीना जोजो, सि. समीरा तिर्की, सि. अंजलीना सुरीन, सि. मलाईका कुजूर, सि. रोजलिना बाड़ा, सि. सुषीला बाः, सि. विद्या लकड़ा (गुमला प्रोविंस)। सि. शर्मिला लकड़ा, सि. देवकिरण भेंगरा, सि. नीलम होरो, सि. अरूणा कुजूर, सि. असमिका विराँग मुंडरी एवं सि. जेम्मा समीरा कंडीर (राँची प्रोविंस)। पवित्र मिस्सा के तुरंत बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम था जिसमें सभी उपस्थित अतिथियों ने नवव्रतधारी धर्मबहनों को अपनी शुभकामनाएँ दीं। तत्पश्चात उन्होंने प्रीतिभोज का आनन्द उठाया।